Mahila Swavalamban Scheme: महिलाऐं जब आत्मनिर्भर बनती हैं, तो सिर्फ उनका जीवन ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार, गाँव और समाज की तस्वीर बदल जाती है। इस बात को अच्छे से समझा है गुजरात सरकार ने जो महिला स्वावलंबन योजना को लेकर आई है। यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक शानदार पहल है।
दरअसल इस योजना के द्वारा महिलाओं को लोन सहायता दी जाती है, ताकि वे अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकें। इसके साथ ही साथ महिलाओं को और भी बहुत सारे लाभ इस योजना के द्वारा मिलते हैं। ऐसे में आप भी अगर महिला स्वावलंबन योजना के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरुआत से लेकर अंत तक पढ़ें।
Mahila Swavalamban Scheme क्या है?
महिला स्वावलंबन योजना को गुजरात सरकार द्वारा शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत राज्य की महिलाओं को ₹2 लाख तक की लोन सहायता राशि प्रदान की जाती है ताकि वे अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकें। इस लोन सहायता के साथ 30% से 40% तक की सब्सिडी का प्रावधान भी है जो महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत है।
ख़ासतौर पर यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो अपना खुद का बिज़नेस तो शुरू करना चाहती हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण पीछे रह जाती हैं। बता दें कि लोन आवेदन से लेकर सब्सिडी तक, गुजरात सरकार आपकी हर तरह से सहायता करती है जो इस योजना की सबसे ख़ास बात है।
महिला स्वावलंबन योजना का उद्देश्य
महिला स्वावलंबन योजना का मुख्य उद्देश्य गुजरात राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके लिए स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है। क्योंकि जब महिलाऐं आत्मनिर्भर बनेंगी तो उनके परिवार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी भी सुधार आएगा।
योजना का नाम | महिला स्वावलंबन योजना (Mahila Swavlamban Yojana) |
राज्य | गुजरात |
लाभार्थी | ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की 18-65 वर्ष की महिलाएं |
सहायता राशि | ₹2 लाख तक का लोन |
सब्सिडी | ₹80,000 तक की सब्सिडी (श्रेणी अनुसार) |
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा महिलाओं और दिव्यांग महिलाओं,यानिकि सभी को प्राथमिकता दी जाती है। कुल मिलाकर इस योजना का लक्ष्य है कि महिलाओं को केवल घरेलू सीमाओं तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें छोटे और मध्यम व्यापारों में आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएँ।
महिला स्वावलंबन योजना के लिए पात्रता मानदंड
गुजरात सरकार द्वारा चलाई जा रही इस महिला स्वावलंबन योजना के लिए कुछ पात्रता मानदंड भी तय किये गए हैं। यह पात्रता शर्तें सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर लागू होती हैं। निम्न हमने इस योजना की सभी पात्रता शर्तों के बारे में जानकारी दी है:
- आवेदक महिला गुजरात राज्य की निवासी होनी चाहिए।
- महिला की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- महिला को व्यवसाय के लिए ली गई लोन राशि चुकाने की क्षमता होनी चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक पारिवारिक आय ₹1,20,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- शहरी क्षेत्रों में वार्षिक पारिवारिक आय ₹1,50,000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- इस योजना के द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा और दिव्यांग महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
महिला स्वावलंबन योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़
Mahila Swavlamban Scheme के अनुसार आवेदन करते समय लाभार्थी महिला को कुछ जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पात्रता शर्तें पूरी हो रही हैं। ऐसे में इस योजना के लिए आपको निम्न बताए गए दस्तावेज़ चाहिए होंगे:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (आरक्षित वर्ग के लाभ के लिए)
- जन्म प्रमाण पत्र या अन्य आयु प्रमाण
- बैंक खाता विवरण (लोन और सब्सिडी जमा कराने के लिए)
- व्यवसाय से संबंधित अनुभव या प्रशिक्षण का प्रमाण
- व्यवसाय के लिए सामग्री का अनुमानित मूल्य (कोटेशन)
- पासपोर्ट साइज फोटो (हाल ही की)
Mahila Swavalamban Scheme Application Process
गुजरात सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए इस योजना को बेहद आसान बनाने की कोशिश की है ताकि हर योग्य महिला बिना किसी परेशानी के इस योजना का लाभ उठा सके। आप भी अगर Mahila Swavlamban Scheme का लाभ लेना चाहती हैं तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- इस योजना के आवेदन के लिए आपको सबसे पहले तो अपने नज़दीकी जिला महिला और बाल अधिकारी कार्यालय में जाना होगा।
- वहां पर से महिला स्वावलंबन योजना का आवेदन पत्र प्राप्त कीजिये।
- इस आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारी को सावधानीपूर्वक भरें।
- आवेदन पत्र के साथ ही जरूरी दस्तावेज़ों को अटैच करें।
- अच्छे से आवेदन पत्र भर देने बाद इसे जिला महिला और बाल अधिकारी कार्यालय में जमा करवा दें।
- अधिकारी आवेदन पत्र की जाँच कर उसे संबंधित बैंक को सिफारिश के साथ भेजेंगे।
- अब बैंक द्वारा आपके आवेदन की समीक्षा की जाएगी।
- अगर आवेदक महिला योग्य पाई जाती है तो तय सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।
Mahila Swavalamban Scheme Subsidy
यहां पर आपको जान लेना चाहिए कि इस योजना के अनुसार महिलाओं को ₹2 लाख तक की लोन सुविधा दी जाती है, जिस पर प्रोजेक्ट लागत के आधार पर 30% से लेकर 40% तक सब्सिडी भी मिलती है। सामान्य वर्ग की महिलाओं को 30% या ₹60,000 (जो भी कम हो), अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं को 35% या ₹70,000 (जो भी कम हो), और विधवा या 40% से अधिक दिव्यांग महिलाओं को 40% या ₹80,000 (जो भी कम हो) तक सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी सहायता राशि सीधा महिला के बैंक खाते में जमा की जाती है।
महिला स्वावलंबन योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख व्यवसाय विकल्प
जैसा कि हम जान ही चुके हैं कि महिला स्वावलंबन योजना द्वारा मिलने वाली सहायता राशि के साथ अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकती हैं। नीचे दिए गए प्रमुख बिज़नेस विकल्पों की सूची से आप अंदाज़ा लगा सकती हैं कि योजना कितनी लाभदायक है:
- हस्तकला उद्योग
- डेयरी आधारित व्यवसाय
- र्साण और खाद्य उत्पादों का व्यवसाय
- सौंदर्य प्रसाधन और केमिकल उद्योग
- स्टेशनरी और पेपर प्रिंटिंग व्यवसाय
- कपड़ा (टेक्सटाइल) उद्योग
- कृषि उत्पाद आधारित व्यवसाय
- इंजीनियरिंग और प्लास्टिक उद्योग
- खनिज आधारित व्यवसाय
- इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसाय
- सेवा आधारित व्यवसाय
- व्यापार आधारित व्यवसाय
- कांच और सिरेमिक उद्योग
- चर्म (लेदर) उद्योग
- अन्य छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय विकल्प
महिला स्वावलंबन योजना के लाभ एवं विशेषताएं
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में गुजरात महिला स्वावलंबन योजना एक बहुत ही अच्छी योजना है। महिलाओं को इस योजना के तहत हर तरह का लाभ और आसानी प्रदान करने की कोशिश की गई है। ऐसे में इस योजना के प्रमुख लाभ और विशेषताएं निम्न बताए गए हैं:
- इस योजना के अनुसार महिलाओं को ₹2 लाख तक का लोन प्रदान किया जाता है।
- यह लोन राशि के साथ महिलाऐं अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकती हैं।
- लोन पर प्रोजेक्ट लागत का 30% से लेकर 40% (अथवा ₹80,000/- तक) सब्सिडी दी जाती है, जो महिला की श्रेणी के अनुसार तय होती है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवा और 40% से अधिक दिव्यांग महिलाओं को विशेष सब्सिडी का लाभ मिलता है।
- ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों की महिलाएं इस योजना के लिए आवेदन कर पाएंगी।
- गुजरात महिला आर्थिक विकास निगम (GWEDC) द्वारा योजना की निगरानी की जाती है जिसकी वजह से यह योजना पारदर्शी बनती है।