Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana: राज्य बिहार की लगभग 70% आबादी खेती पर निर्भर है, परंतु हर साल प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि या भारी बारिश की वजह से हज़ारों किसान अपने फसलों को गंवा देते हैं। इससे ना सिर्फ किसानों की आमदनी प्रभावित होती है बल्कि उनपर मानसिक तनाव भी बढ़ता है।
इन्हीं समस्याओं को समझते हुए बिहार सरकार ने किसानों की मदद के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2025 की शुरुआत की है जो किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। आईए इस आर्टिकल में हम बिहार राज्य फसल सहायता योजना को समझते हैं।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना(Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) क्या है?
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana बिहार राज्य की एक सरकारी योजना है। इस योजना के तहत जब किसी किसान की फसल बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि या अत्यधिक वर्षा जैसी प्राकृतिक घटनाओं से खराब हो जाती है तो सरकार उसे कुछ निश्चित आर्थिक सहायता राशि प्रदान करती है।
योजना का नाम | Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojna |
राज्य | बिहार सरकार |
विभाग | सहकारिता विभाग |
सहायता राशि | 20% क्षति पर ₹7500/हेक्टेयर, 20% से अधिक पर ₹10000/हेक्टेयर |
आधिकारिक वेबसाइट | esahkari.bih.nic.in |
सबसे बढ़िया बात ये है कि इसके लिए किसानों को किसी तरह का बीमा प्रीमियम भी नहीं देना पड़ता। योजना का लाभ रैयत, गैर-रैयत, आंशिक किसान और यहां तक कि शहरी निकाय क्षेत्रों के किसानों को मिलने वाला है। कुल मिलाकर यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी मददगार है।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का उद्देश्य
योजना के नाम से ही हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। देखिए जब प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुक्सान होता है तो किसानों को अनेकों आर्थिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।
किसानों की इन्हीं दिक्कतों को यह योजना दूर करती है ताकि किसान वापिस खेती शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इसके अलावा किसानों की आय में सुधार लाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना भी इस योजना के उद्देश्य हैं।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना(Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) के लिए पात्रता मानदंड
सरकार चाहती है कि इस योजना का लाभ वह किसान उठाएं जो सच में इसके लिए पात्र हैं और इसके लिए सरकार द्वारा कुछ पात्रता मानदंड शर्तें तैयार की गई हैं। अगर आप बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इन पात्रता मानदंड शर्तों को पूरा करना होगा:
- आवेदक किसान बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- सहायता अधिकतम 2 हेक्टेयर तक की खेती के लिए दी जाएगी।
- एक किसान एक से अधिक फसलों के लिए आवेदन कर सकेगा।
- रैयत (भूमि मालिक) और गैर-रैयत (किराए पर जमीन लेकर खेती करने वाले) दोनों किसान पात्र हैं।
- आंशिक रूप से रैयत और गैर-रैयत किसान भी योजना के अंतर्गत आते हैं।
- शहरी क्षेत्रों (नगर पंचायत, नगर परिषद आदि) के किसान भी इस योजना में शामिल किए गए हैं।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़
दरअसल इस योजना के लिए आवेदन करने के दौरान आवेदक को कुछ जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं, जो उनकी पहचान, भूमि स्वामित्व और पात्रता को प्रमाणित करते हैं। नीचे हम आपको बिहार राज्य फसल सहायता योजना के लिए सभी जरूरी दस्तावेज़ों की सूची देने जा रहे हैं:
- मोबाईल नंबर
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या लगान रसीद
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- बैंक खाता पासबुक
- किसान पंजीकरण प्रमाण पत्र
- स्वयं घोषणा पत्र (गैर-रैयत किसानों के लिए, जिसे वार्ड सदस्य या किसान सलाहकार द्वारा सत्यापित किया गया हो)
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojna के लिए आवेदन करने का तरीका
अगर आप भी बिहार राज्य के एक किसान हैं और Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojna का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। यह ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया कुछ इस तरह से है:
- सर्वप्रथम बिहार राज्य फसल सहायता योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होमपेज पर Online Apply के विकल्प पर क्लिक करें।
- आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा। इसमें आपको अपनी किसान निबंधन संख्या दर्ज करनी है और Search के बटन पर क्लिक कर देना है।
- अब आवेदन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी और फसल से जुड़ी जानकारी भरें।
- साथ ही साथ जरूरी दस्तावेज़ भी अपलोड करिये।
- अगर आपने सारी जानकारी सही सही दर्ज कर दी है तो Submit पर क्लिक करें।
- आवेदन सफलतापूर्वक सबमिट होने के बाद एक रसीद प्राप्त होगी।
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojna की सहायता राशि
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अनुसार सहायता राशि फसल नुकसान की गंभीरता पर निर्भर करती है और इसे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से निर्धारित किया गया है। आईए जानते हैं कि कितने नुकसान पर किसानों को कितनी सहायता राशि मिलने वाली है:
फसल क्षति की स्थिति | सहायता राशि (प्रति हेक्टेयर) |
फसल में 20% तक नुकसान | ₹7,500 |
फसल में 20% से अधिक नुकसान | ₹10,000 |
अधिकतम सहायता क्षेत्रफल | 2 हेक्टेयर तक |
नोट: अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि तक के लिए सहायता राशि प्राप्त की जा सकती है। चाहे वह एक या एक से अधिक फसलें क्यों न हों।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत फसलों की सूची
फसल सहायता योजना का लाभ दरअसल उन्हीं किसानों को दिया जाता है जो चयनित फसलों की खेती करते हैं। इसमें कुछ प्रमुख रबी और खरीफ फसलों को शामिल किया गया है जिनके बारे में जानकारी निम्न दी गई है:
- आलू
- अरहर (तुअर)
- मक्का
- प्याज
- ईख (गन्ना)
- मसूर
- गेहूं
- चना
- राई-सरसों
- अन्य रबी फसलें (जिन्हें सरकार समय-समय पर अधिसूचित करती है)
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के लाभ एवं विशेषताएं
प्राकृतिक आपदा जैसी मुश्किल की घड़ी में बिहार राज्य फसल सहायता योजना अपने आप में ही लाभ है। लेकिन इस योजना के किसानों को अन्य भी कई सारे लाभ मिलते हैं और इन्हीं लाभ और विशेषताओं पर अब हम बारी बारी से चर्चा करेंगे:
- इस योजना के द्वारा किसानों को बिना कोई बिमा प्रीमियम के फसल बीमा का लाभ मिलता है।
- योजना का लाभ रैयत और गैर-रैयत दोनों प्रकार के किसान उठा सकते हैं।
- यह योजना के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
- प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि आदि से नुकसान की भरपाई सरकार करती है।
- क्षति के आधार पर ₹7500 से ₹10,000 प्रति हेक्टेयर तक की सहायता मिलेगी।
- किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना काफी मददगार है।